रविवार, 22 जुलाई 2018

शिक्षक की कद्र ...

शिक्षक की कद्र ...
        मशहूर पाकिस्तानी लेखक मरहूम अशफ़ाक़ अहमद लिखते है
रोम (इटली) में मेरा चालान हुआ बिज़ी होने की वजह से फीस वक़्त पर जमा नहीं करवा सका जिसकी वजह से कोर्ट जाना पड़ा ।
जज के सामने पेश हुआ तो उस ने वजह पूछी
मैंनें कहा प्रोफ़ेसर हूँ मसरूफ ऐसा रहा के वक़्त ही नहीं मिला ।
इस से पहले कि मैं बात पूरी करता, जज ने कहा -

A TEACHER IS IN THE COURT ....!

और सब लोग खड़े हो गए और मुझ से माफ़ी मांग कर चालान कैंसिल कर दिया ।
उस रोज़ मैं उस मुल्क की कामयाबी का राज़ जान गया !

सभी शिक्षकवृन्द को ससम्मान समर्पित🙏  ✅अति विशिष्ट व्यक्ति /  VIPकौन है?
🙏 क्या आप को जानकारी है कि............

.
.

💥1)अमेरिका में सिर्फ दो तरह के लोगों को वी आई पी मानते हैं :
वैज्ञानिक और शिक्षक ।
.
.

💥2) फ्रांस के न्यायालय में सिर्फ शिक्षकों को ही कुर्सी पर बैठने का अधिकार है।
.
.
💥3) जापान में पुलिस सरकार से अनुमति लेने के बाद ही किसी शिक्षक को गिरफ्तार कर सकती है।
.
.
💥4) कोरिया में हर शिक्षक को वे सारे अधिकार प्राप्त हैं, जो भारत के मंत्री को प्राप्त हैं, सिर्फ अपना आई कार्ड दिखा कर ।
.
.
💥5) अमेरिकन तथा यूरोपीय देशों में प्राथमिक अध्यापक को सर्वाधिक वेतन मिलता है, क्योंकि कच्ची मिट्टी को वे ही पक्का करते हैं ।
.
.
🚷एक ऐसा समाज, जहाँ शिक्षकों का अपमान होता रहेगा, वहाँ सिर्फ चोर, डाकू, लुटेरे और भ्रष्टाचारी लोग ही पनपते है।
.
.
🇮🇳शिक्षक बचाओ, देश बचेगा🇮🇳
कृपया इस post को ज्यादा से ज्यादा share करे
जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगो तक ये अच्छी post पहुँच सके

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें