अध्यापक साथी ध्यान दें*
सबसे पहले आप उस परमपिता का शुक्रगुजार करें जिनकी असीम कृपा से लाखों लोगों की भीड़ में से आपको राष्ट्र की असली जिम्मेवारी का यह पद मिला है । अपने पद की गरिमा को बनाए रखते हुए एक अध्यापक को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए :-
(1) अपनी ड्यूटी के पाबन्ध रहें अतः आप नियमित रूप से विद्यालय में समय पर जाएं तथा पूरी निष्ठा से बच्चों को पढ़ाएं । कोई भी लापरवाही आपको महंगी पड़ सकती है । यदि विभाग कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही करता है तो नौकरी जाने का खतरा होता है । किसी भी साथी के साथ लड़ाई झगड़ा न करें तथा स्कूल मुखिया को सहयोग करें । आप स्कूल में अपना काम अच्छे से करें ,चाहे कोई करे अथवा न करें । गुटबाजी से बचें तथा हर उस को काम करें जो बच्चों के हित मे हो ।
( 2) आप एक आदर्श अध्यापक बने: आप शुरू से ही एक एक आदर्श अध्यापक बनें क्योंकि बच्चों का भविष्य अध्यापक के हाथ मे होता है और राष्ट्र का भविष्य आज के इन बच्चों के हाथ में होगा । जैसी शिक्षा वैसा देश बनेगा। देश की असली सेवा एक अध्यापक बनकर करने में है ।
(3) अपनी ड्रेस व भाषा को मर्यादित रखें: आपकी ड्रेस सौम्य एवं मर्यादित हो । तड़क भड़क की ड्रेस न हो । अध्यापक की गरिमा के अनुरूप हो । भाषा मधुर हो । बच्चों के लिए आप रोल मॉडल है । आपकी हर बात का वो अनुशरण करेंगे ।
( 4 ) जाति व धर्म की बात न करें: एक अध्यापक का कोई धर्म और जाति नहीं होती है । अतः इस आधार पर न तो किसी बच्चे के साथ कोई भेदभाव करें और न ही ये चीजें दोस्ती का आधार बनें । बस अच्छाई ही एक अध्यापक का धर्म होता है ।
(5) आपसी द्वेष भाव व तनातनी न रखें: आपस मे कोई भी अध्यापक एक दूसरे के साथ तनातनी तथा वैरभाव न रखें कि ये उस बैच का हम उस भर्ती के हैं । इन सब बातों से जहाँ आपसी तनातनी रहती है तो स्कूल का माहौल भी खराब होता है तथा बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित होती है । सर्विस करने में फिर मजा भी नहीं आता है । अतः अच्छाई के रास्ते पर ही चलें ।
(6) खूब पढ़ाएं और दुआएं लें: बच्चों को अपनी सर्विस के दौरान खूब दिल लगाकर पढाएं ,निठलो की तरफ ध्यान न दें । आप जितना पढाएगें उतनी ही आपको दुआएं मिलेगी ,आपके स्वयं के बच्चे भी स्वतः कामयाब बनेगें ।
आओ हम एक आदर्श अध्यापक बन कर राष्ट्र की सेवा करें 🙏🙏
सबसे पहले आप उस परमपिता का शुक्रगुजार करें जिनकी असीम कृपा से लाखों लोगों की भीड़ में से आपको राष्ट्र की असली जिम्मेवारी का यह पद मिला है । अपने पद की गरिमा को बनाए रखते हुए एक अध्यापक को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए :-
(1) अपनी ड्यूटी के पाबन्ध रहें अतः आप नियमित रूप से विद्यालय में समय पर जाएं तथा पूरी निष्ठा से बच्चों को पढ़ाएं । कोई भी लापरवाही आपको महंगी पड़ सकती है । यदि विभाग कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही करता है तो नौकरी जाने का खतरा होता है । किसी भी साथी के साथ लड़ाई झगड़ा न करें तथा स्कूल मुखिया को सहयोग करें । आप स्कूल में अपना काम अच्छे से करें ,चाहे कोई करे अथवा न करें । गुटबाजी से बचें तथा हर उस को काम करें जो बच्चों के हित मे हो ।
( 2) आप एक आदर्श अध्यापक बने: आप शुरू से ही एक एक आदर्श अध्यापक बनें क्योंकि बच्चों का भविष्य अध्यापक के हाथ मे होता है और राष्ट्र का भविष्य आज के इन बच्चों के हाथ में होगा । जैसी शिक्षा वैसा देश बनेगा। देश की असली सेवा एक अध्यापक बनकर करने में है ।
(3) अपनी ड्रेस व भाषा को मर्यादित रखें: आपकी ड्रेस सौम्य एवं मर्यादित हो । तड़क भड़क की ड्रेस न हो । अध्यापक की गरिमा के अनुरूप हो । भाषा मधुर हो । बच्चों के लिए आप रोल मॉडल है । आपकी हर बात का वो अनुशरण करेंगे ।
( 4 ) जाति व धर्म की बात न करें: एक अध्यापक का कोई धर्म और जाति नहीं होती है । अतः इस आधार पर न तो किसी बच्चे के साथ कोई भेदभाव करें और न ही ये चीजें दोस्ती का आधार बनें । बस अच्छाई ही एक अध्यापक का धर्म होता है ।
(5) आपसी द्वेष भाव व तनातनी न रखें: आपस मे कोई भी अध्यापक एक दूसरे के साथ तनातनी तथा वैरभाव न रखें कि ये उस बैच का हम उस भर्ती के हैं । इन सब बातों से जहाँ आपसी तनातनी रहती है तो स्कूल का माहौल भी खराब होता है तथा बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित होती है । सर्विस करने में फिर मजा भी नहीं आता है । अतः अच्छाई के रास्ते पर ही चलें ।
(6) खूब पढ़ाएं और दुआएं लें: बच्चों को अपनी सर्विस के दौरान खूब दिल लगाकर पढाएं ,निठलो की तरफ ध्यान न दें । आप जितना पढाएगें उतनी ही आपको दुआएं मिलेगी ,आपके स्वयं के बच्चे भी स्वतः कामयाब बनेगें ।
आओ हम एक आदर्श अध्यापक बन कर राष्ट्र की सेवा करें 🙏🙏
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