मंगलवार, 31 जुलाई 2018

बाल विवाह कविता

बाल विवाह कविता (Child Marriage Kavita Poem In Hindi)

बनी ये मानव श्रृंखला
कर रही पुकार है
जागो बहना, जागो भाई
बाल विवाह, दहेज अत्याचार है।
भीड़ से तो लगता है
सभी को इसने डसा है
जहर बन समाज में
लगता रचा बसा है
बनी ये मानव ….

                                                                                                                                                                                                                       सड़क पर पटे श्रृंखला
मुहर तो लगा दी है
हमारी कुहेलिका को
मानो अब जगा दी है
बुराइयाँ कितनी बड़ी हो
उसको हम मिटा देंगें
दहेज रूपी दानव को
जड़ से हम भगा देंगें।
बनी ये मानव ……
बाल विवाह भी एक कोढ़ है
इसको भी हम मिटा देंगें
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अगर आपका साथ हो
तो सोये को जगा देंगें
बाहर निकल संदेश दिया
दहेज, बाल विवाह को मिटायेंगे।
कृतसंकल्प बनकर आप
इस वादा को निभायेंगे
बनी ये मानव ….
मगर रहे ध्यान आपको
भूलो न जो प्रण किया
वर्ना समाज की एकता
आपसे हीं धुमिल होगा
आप भी इसके अंश हैं
आपको भी डसा है ये
इसे जड़ से मिटाने की
कसम को निभा देंगें।
बनी ये मानव
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बाल विवाह पर छोटी कविता पोएम (Child Marriage Kavita Poem)

शादी की क्या जल्दी है, इन्हें निखरने तो दो,
इतनी क्या जल्दी थोड़ा पढ़ लिखने दो.
प्रेम और ममता की मूर्ति ने दो।।
पढ़ने लिखने है दिन दिन इसके
कहा पूरा हुआ है बालपन इनका
बगिया की कच्ची कली है अभी ये
यौवन अभी अधूरा है।।
अभी बृद्धि की ओर बेल है, थोड़ी-सी बढ़ जाने दो।
शादी की क्या जल्दी है, इन्हें निखरने तो दो,
इतनी क्या जल्दी थोड़ा पढ़ लिखने दो.
वन बगिया में तितली का,
सैर-सपट्टा होने दो।
कच्ची गागरिया के तन को,
कुछ तो पक्का होने दो।।
अभी-अभी तो हुआ सबेरा, धूप तनिक चढ़ जाने दो।
शादी की क्या जल्दी है, इन्हें निखरने तो दो,
इतनी क्या जल्दी थोड़ा पढ़ लिखने दो.
करके पीले हाथ उऋण हैं,
समझो यह नादानी है।
तुमने लिख दी एक कली की,
फिर से दुःखद कहानी है।।
चन्द्रकला की छटा धरा पर, थोड़ी-सी इठलाने दो।
शादी की क्या जल्दी है, इन्हें निखरने तो दो,
इतनी क्या जल्दी थोड़ा पढ़ लिखने दो.
तनिक भूल से जीवन भर तक,
दिल का दर्द बहा करता।
अगर न सुदृढ़ नींव होइ तो
सुन्दर महल ढहा करता।।
चिड़िया के सँग-सँग बच्चों को, थोड़ा-सा उड़ जाने दो।
शादी की क्या जल्दी है, इन्हें निखरने तो दो,
इतनी क्या जल्दी थोड़ा पढ़ लिखने दो.

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